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यूं तो आरक्षण की चर्चा से ही आग-बबूला हो जाते हैं ये नेता, लेकिन कांग्रेस पर यूपी से बिहार तक सन्नाटा!

पहले कांग्रेस और उसके बाद उसके सहयोगियों पर पीएम मोदी का हमला जारी है। मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर मोदी की ओर से लगातार कांग्रेस पर निशाना साधा जा रहा है। राजस्थान में दिए बयान के बाद मचे सियासी बवाल के बीच पीएम मोदी ने यूपी में चुनावी सभा में कहा कि सपा, कांग्रेस के इंडी गठबंधन के लिए देश से भी पहले उनका वोट बैंक है।

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए कल यानी शुक्रवार को वोटिंग है। लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के बीच एक नए मुद्दे की काफी चर्चा है। एनडीए और इंडिया गठधंन के बीच इस मुद्दे को लेकर घमासान मचा हुआ है। इसकी शुरुआत होती है पीएम मोदी की ओर से दिए इस बयान कि कांग्रेस यदि सत्ता में आती है तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी...। कांग्रेस की ओर से इसका विरोध किया जा रहा और मामला चुनाव आयोग तक भी पहुंचा है। इंडिया गठबंधन के कई दूसरे साथी भी इस बयान पर कांग्रेस के साथ हैं। विपक्षी दलों के विरोध के बीच पीएम मोदी इसी मुद्दे के आस-पास रविवार के बाद से लगातार कांग्रेस और उसके घोषणापत्र पर निशाना साध रहे हैं। दूसरे चरण के प्रचार के आखिरी दिन पीएम मोदी ने कांग्रेस पर मुस्लिम जातियों को एक ही श्रेणी में रखकर कर्नाटक में OBC के लिए आरक्षण कम करने का आरोप लगाया और दावा किया कि वह इसे पूरे देश में दोहराने की योजना बना रही है। इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने है लेकिन क्षेत्रीय दल खुलकर इस मुद्दे पर सामने नहीं आ रहे हैं। एक वक्त संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान पर सियासी घमासान मचा था और लालू यादव ने बिहार में इस मुद्दे को लपका था। लेकिन इस बार ओबीसी आरक्षण वाले मुद्दे पर क्षेत्रीय दल की रणनीति अलग नजर आ रही है और उसके बीच पीएम मोदी नए आरोप लगा रहे हैं।

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मुस्लिम तुष्टीकरण... मोदी के बयान के बाद बढ़ी सियासी हलचल
पीएम मोदी ने रविवार राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस केंद्र की सत्ता में यदि आती है तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी। मोदी ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर 'पहला हक' अल्पसंख्यक समुदाय का है। इस बयान पर मचे सियासी बवाल के बीच पीएम मोदी ने ठीक एक दिन बाद राजस्थान में ही एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 2004 में एससी/एसटी आरक्षण को कम करके आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को आरक्षण देने की कोशिश की थी, इन्होंने ऐसा करते वक्त संविधान की परवाह तक नहीं की। इसके अगले दिन बुधवार पीएम मोदी ने एमपी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि कांग्रेस ने पहले धर्म के आधार पर आरक्षण दिया था, जिसकी देश का संविधान अनुमति नहीं देता है। एक बार फिर कांग्रेस ने सभी मुस्लिम जातियों को OBC के साथ रखकर पिछले दरवाजे से कर्नाटक में धर्म के आधार पर आरक्षण दिया है। मोदी ने कहा कि हमारा संविधान साफ कहता है कि धर्म के आधार पर किसी को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। बाबा साहेब आंबेडकर स्वयं धर्म के आधार पर आरक्षण के विरोधी थे लेकिन कांग्रेस ने वर्षों पहले धर्म के आधार पर आरक्षण देने का खतरनाक संकल्प लिया और संकल्प को पूरा करने के लिए वह तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है।

मुसलमानों को मिल रहा OBC आरक्षण , केंद्र ने उठा दिए सवाल
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य के मुस्लिम समाज को पिछड़ों के आरक्षण में धर्म के आधार पर जगह दी है। आयोग के चेयरमैन हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि मुस्लिमों की सभी जातियों और समुदायों को कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में आरक्षण मिल रहा है। हमने इस मामले में कर्नाटक सरकार से पूछा था कि आखिर किस आधार पर यह कोटा दिया जा रहा है, लेकिन इस मामले में हमें कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। आयोग ने बताया कि 2023 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 930 पीजी सीटों में दिए गए आरक्षण की जब जांच की गई, तो यह तथ्य सामने आया है। आयोग ने पाया कि 930 में से 150 सीट मुस्लिम वर्ग को आरक्षित की गई हैं, जो करीब 16% हैं। इनमें मुस्लिम वर्ग की उन जातियों को भी लाभ दिया गया है, जो आरक्षण के दायरे में नहीं आतीं। पिछड़ा वर्ग आयोग ने कहा कि जब पूछा कि 4 की जगह 16% आरक्षण कैसे दिया, तो कर्नाटक सरकार का गोलमोल जवाब आया है। पीएम मोदी ने इसी मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने एक और पाप किया। मुस्लिम समुदाय में जितनी भी जातियां हैं, सबको उन्होंने OBC कोटे में डालकर उन्हें पिछड़ा बना दिया।

आरक्षण पर दिए बयान से 2015 में बीजेपी को हुआ था नुकसान
बिहार विधानसभा चुनाव 2015 जब लालू यादव की पार्टी आरजेडी और नीतीश कुमार की जेडीयू दोनों साथ-साथ चुनाव लड़ रहे थे। उसी बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि आरक्षण की अब समीक्षा का वक्त आ गया है। उनके इस बयान के बारे में तब लालू प्रसाद यादव ने यह कह कर प्रचारित किया कि बीजेपी आरक्षण को खत्म करना चाहती है। इसका परिणाम सबने देखा। बीजेपी को काफी नुकसान हुआ और आरजेडी-जेडीयू की सरकार बनी। अब लोकसभा चुनाव के पहले कई विपक्षी दलों की ओर से कहा गया कि बीजेपी आरक्षण खत्म कर देगी। पीएम मोदी इन आरोपों को नकार चुके हैं और अब उनकी ओर से कांग्रेस पर ओबीसी कोटे के आरक्षण में मुसलमानों को हिस्सा देने की बात कहकर पलटवार किया गया है। पीएम मोदी के साथ ही दूसरे बीजेपी नेता भी इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ ही साथ उन क्षेत्रीय दलों को घेरने की कोशिश कर रहे हैं जो इस मुद्दे पर चुप हैं। कांग्रेस के साथ ही इंडिया गठबंधन के साथियों पर भी निशाना साध रही है। बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस, आरजेडी और इंडी गठबंन का असली चेहरा तुष्टीकरण है। पीएम मोदी ने दूसरे चरण से ठीक पहले इस मुद्दे पर विपक्ष को घेरने की कोशिश की है। कई चुनावी जानकारों का कहना है कि जिस सियासी पिच पर क्षेत्रीय दल बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रहे थे अब उसी मुद्दे पर पीएम मोदी ने बैकफुट पर ला दिया है। सपा, आरजेडी जैसे दलों को कर्नाटक वाले मुद्दे पर कुछ भी बोलना भारी पड़ सकता है। इन दलों का आधार ओबीसी और मुस्लिम वोट बैंक है और ऐसे में कोई भी स्टैंड लेना आसान नहीं।

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